डीएमके-कांग्रेस का गणित

मनमोहन के साथ 19 मंत्रियों ने शपथ ली... इन 19 कैबिनेट मंत्रियों में 17 तो कांग्रेस के हैं... और महज़ दो सहयोगी दलों के.. एक ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस से और दूसरे शरद पवार एनसीपी से... सरकार बनाने की पहली सीढ़ी पर चढ़ते हुए कांग्रेस ने साफ़ कर दिया है कि वो सहयोगी पार्टियों के आगे झुकनेवाली नहीं है... अगर सीटों का गणित देखें तो कांग्रेस के पास कुल 206 सीटें हैं और यूपीए के दूसरे घटक दलों से उसे 66 और सीटों की ज़रुरत है... इन घटक दलों में कांग्रेस के बाद सबसे ज़्यादा सीटें तृणमूल कांग्रेस के पास हैं... 19 सीटों के साथ तृणमूल कांग्रेस को फिलहाल कैबिनेट में एक सीट मिली है... लेकिन उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में उसे और जगह मिले.. डीएमके के पास 18 सीटें हैं यानि तृणमूल कांग्रेस से महज़ एक सीट कम... अगर सीटों का गणित देखें तो डीएमक कांग्रेस से तोल-मोल करने की स्थिति में दिखती है लेकिन राजनीतिक परिदृश्य डीएमके के सामने कांग्रेस को मज़बूत बना देता है इसीलिए कांग्रेस डीएमके के दबाव में नहीं आई... क्योंकि कांग्रेस को पता है कि अगर करुणानिधि को तमिलनाडु में सरकार चलानी है तो उन्हे कांग्रेस का साथ ज़रुरी है... ऐसे में गेंद कांग्रेस के पाले में है और डीएमके किसी तरह के दबाव बनाने की स्थिति में नहीं दिखती... लिहाज़ा करुणानिधि को अंत में कैबिनेट की दो या तीन सीटों से ही समझौता करना पड़ सकता है... दूसरी तरफ कांग्रेस की मज़बूती ही है कि वो अहम केंद्रीय मंत्रालयों को अपने साथ रखेगी... और सहयोगी दलों को ज़्यादातर राज्य मंत्रालयों से नवाज़ेगी...

Comments