झेंडा में कितने ठाकरे?

मराठी राजनीति का एकल परिवार... वो परिवार जिसने मराठी माणुष को केंद्र में रखकर अपनी राजनीतिक विरासत खड़ी की... और उसी मराठी माणुष की सियासत को लेकर दो फांक में भी बंटे... सब कुछ एक फिल्म की तरह... इनकी लाइफ में... दुनिया को सब कुछ देखने को मिला... एक्शन... थ्रिलर... पोलिटिकल ड्रामा... फेमिली ड्रामा... वो सब कुछ रीयल था जिसने भारतीय राजनीति को मसालेदार बनाया... लेकिन अब ठाकरे परिवार की स्टोरी आ रही है परदे पर... 70 एमएम स्क्रीन पर...
ये फिल्म है झेंडा... कहने को ये फिल्म उन कार्यकर्ताओं की कशमकश से भरी ज़िंदगी को बंया करती है... जो राजनीतिक परिवार में पड़ी दरार से आहत होते हैं... लेकिन दरअसल फिल्मांकन बताता है कि जिस राजनीतिक परिवार की दरार को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है वो दरअसल बालासाहेब का बिखर चुका परिवार है.... मराठी भाषा की इस फिल्म में राजेश श्रृंगार पुरे... राज ठाकरे के गेटअप में हैं... और उद्धव ठाकरे की छवि पेश कर रहे हैं पुष्कर क्षेत्री....
निर्माता ने ये फिल्म बना तो ली लेकिन बिना ठाकरे परिवार की अनुमति के इसे दिखा पाना संभव नहीं था... वैसे उद्धव ठाकरे ने फिल्म देखे बिना ही रिलीज़ के लिए हरी झंडी दे दी... लेकिन राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं ने पूरी फिल्म देखी उसके बाद ही इस झेंडा को पर्दे पर लाने की इजाज़त दी... बालासाहेब की विरासत पर दावा करनेवाले दोनों ठाकरे ने झेंडे को हरी झंडी दे दी... लेकिन नारायण राणे के बेटे नितेश राणे को फिल्म के उस सीन पर ऐतराज़ है... जिसमें उनके नारायण राणे के रोल को ग्रे शेड में दिखाया गया है...
ठाकरे परिवार को दिखाती ये फिल्म 8 जनवरी को रिलीज़ के लिए तैयार थी... लेकिन मराठी दर्शकों को इसके लिए अब कुछ हफ़्ते और इंतज़ार करना होगा... नारायण राणे के ग्रे शेड वाला सीन हटाया जाएगा... उसके बाद ही फिल्म रिलीज़ होगी... अब देखना है कि ठाकरे परिवार की मसालेदार रीयल स्टोरी... पर्दे पर किस तरह से पेश की जाती है... साथ में ये भी देखना दिलचस्प होगा कि इस परिवार से जुड़ी कितनी सच्चाई फिल्म में दिखाई गई है और कितनी छिपाई गई है...

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