टेलेंडर को सलामी खिलाड़ी भी बना देते हैं...

मनोज

तिवारी की ज़ुबान फिसल गई है... संजय दत्त के लिए उनका ऐसा प्यार उमड़ा की वो अदालत के प्रति मर्यादाओं को भूल गए... राजनीति में मनोज नए हैं... और मनोज को अभी काफी कुछ सीखना है... जो बातें मनोज की ज़ुबान से निकली... लगता है उसकी स्क्रिप्ट कहीं और लिखी गई थी... लेकिन अब बात निकल गई है तो दूर तलक जाएगी..

समाजवादी मोहब्बत कहीं मनोज को महंगी न पड़ जाए... जज पर घूस लेने का आरोप लगाना... क़ानूनी जानकारों के मुताबिक ये अदालत की अवमानना है... और मनोज क़ानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं... मनोज पर मुसीबत आए हैं तो ज़ाहिर है विरोधी पार्टियां इस मौके से कैसे चूंक सकती हैं...

समाजवादी के इस पूरब के बेटे को सियासत में आए हुए जुम्मा-जुम्मा कुछ महीने ही गुज़रे हैं... और इस तरह का बयान दे कर इन्होने ख़ुद के लिए मुसीबत मोल ली है... लेकिन ऐसे बयानों में एक और पेंच होता है... राजनीति में ऐसे विवादास्पद बयान एक टेलेंडर को सलामी खिलाड़ी भी बना देते हैं...

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