सुधींद्र की कमाल की टाइमिंग


बीजेपी का थिंक टैंक बीजेपी से अलग हो गया... थिंक टैंक ने बहुत सोच समझ कर और एकदम सही टाइमिंग पर ये क़दम उठाया... ग़ौर करिए लोकसभा चुनावों के रणनीतिकार सुधींद्र पार्टी की हार के बाद निशाने पर थे... उन्हे पता था कि आज नहीं तो कल उन पर गाज गिर सकती है... लिहाज़ा जिन्ना प्रकरण उठा तो उन्हे एक बहाना मिल गया ताकि पार्टी से सम्मानजनक तरीके से निकला जा सके...

सुधींद्र का नाता बीजेपी से 13 साल पुराना था... पहले अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार रहे... फिर आडवाणी से जुड़ गए... बुरे दिन तब शुरू हुए जब आडवाणी का जिन्ना प्रकरण सामने आया... माना जाता है कि मुसलमानों में आडवाणी की कट्टर छवि को साफ करने के लिए सुधींद्र कुलकर्णी ने ही आडवाणी को जिन्ना की बात उठाने की सलाह दी थी... लेकिन ये दांव उल्टा पड़ गया... आडवाणी की जमकर फजियत हुई...

फिर लोकसभा चुनावों में आडवाणी फॉर पीएम कैंपेन की अगुवाई भी सुधींद्र ने ही की... और जब पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा तो थिंक टैंक ने पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी... हार का दोष उन पर मढ़ा जाए... इससे पहले ही उन्होने एक लेख लिखकर हार की ज़िम्मेदारी बीजेपी की विचारधारा और आरएसएस पर डाल दी... इस लेख ने एक तरह से कोहराम मचा दिया था... ऐसे में कुलकर्णी के लिए रास्ता नहीं बचा था... और उन्हे एक मौके की तलाश थी... जो जसवंत-जिन्ना प्रकरण ने उन्हे दे दिया...

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